नए आयोग के गठन से 14 लाख अभ्यर्थियों को मिलेगी बड़ी राहत
प्रयागराज नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षक भर्ती के इंतजार में बैठे 14 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है। नए आयोग के गठन के इंतजार में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षकों के पांच हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया सालभर से अटकी हुई है।
अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है, लेकिन भर्ती की परीक्षा तिथि अब तक घोषित नहीं की जा सकी। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल फरवरी 2023 में पूरा हो चुका है और सदस्यों के भी छह से चार पद खाली हैं। जब नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की कवायद शुरू हुई, तभी तय हो गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की अधूरी भर्ती अब नया आयोग ही पूरी कराएगा। इन पदों पर भर्ती के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती के लिए 2022 में विज्ञापन जारी किया था। टीजीटी के 3313 और पीजीटी के 850 पदों पर भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है, लेकिन चयन बोर्ड में अध्यक्ष का पद व सदस्यों के सभी 10 पद रिक्त पड़े हैं। नए आयोग के गठन के इंतजार में चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई, क्योंकि यह भर्ती भी अब नया आयोग ही पूरी कराएगा।
इसके अलावा टीजीटी-पीजीटी के हजारों पद खाली पड़े हैं। पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी के 16,750 और पीजीटी के 2522 पद रिक्त पड़े हैं, जबकि विज्ञापित पदों की संख्या इससे काफी कम है।
अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद इन रिक्त पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
वहीं, परिषदीय विद्यालयों में भी वर्ष 2018 के बाद कोई शिक्षक भर्ती नहीं आई है, जबकि इस भर्ती के लिए पांच साल में लाखों अभ्यर्थियों ने बीटीसी-डीएलएड का पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। परिषदीय विद्यालयों में भी नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से ही भर्ती कराई जानी है। नए आयोग के गठन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद परिषदीय विद्यालयों में भी शिक्षक भर्ती की आस जगी है।
चयन बोर्ड हो सकता है नए आयोग का मुख्यालयः यह तो तय हो चुका है कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में होगा, लेकिन यह कहां बनेगा, इस पर असमंजस की स्थिति है उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नए आयोग में समायोजित किया जाना है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अशोक नगर में छोटे से किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है, जबकि चयन बोर्ड के पास अपनी बिल्डिंग है और यह काफी बड़ी भी है। ऐसे में नए आयोग का दफ्तर चयन बोर्ड परिसर में स्थापित किया जा सकता है।
एलटी ग्रेड, प्रवक्ता भर्ती भी जल्द शुरू होने के आसार : नए आयोग पास प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी होगी। यूपी लोक सेवा आयोग के पास सालभर से एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन छह हजार रिक्त पदों का अधियाचन पड़ा है। साथ ही प्रवक्ता जीआईसी के रिक्त पदों का अधियाचन भी आयोग को काफी पहले मिल चुका है, लेकिन आयोग ने दोनों भर्तियों के विज्ञापन अब तक जारी नहीं किए। यह भर्ती आयोग कराएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
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