पदोन्नति केस अपडेट by✍️ राघवेन्द्र पाण्डेय
कुछ लोग जब हाथी पर चढ़ते हैं, तो जिनके पास हाथी पर चढ़ने की क्षमता नहीं है वो भिटहुर/कड़उर(उपलों के ढेर)पर चढ़ जाते हैं, पदोन्नति मामले में हमारे विरोधी राहुल पाण्डेय ने Civil Appeal 1390/2025 में AOR डॉक्टर विनोद कुमार तिवारी से Intervention Application फ़ाइल करवाया तो जोकि पदोन्नति में TET को अनिवार्य करने के पक्ष में है ,तो हमारे एक प्रतिद्वंदी हिमांशु राणा जी ने Civil Appeal 1384/2025 में Intervention Application फ़ाइल करने का साक्ष्य वायरल किया है,
इस तरह से TET पक्ष के समर्थक अपनी वाहवाही लूटने के लिए आपस में ही लड़ रहे हैं, उन लोगों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है,जबकि हिमांशु जी ने जिस Civil Appeal में Intervention Application दाखिल किया है, वह Annie Packiarani Bai केस अल्पसंख्यक विद्यालयों में TET से नियुक्ति से संबंधित है, इस केस का हमलोग से कोई मतलब ही नहीं है, क्योंकि हमलोगों की नियुक्ति में तो TET लग ही रहा है, हम लोगों का मामला पदोन्नति से संबंधित है, जोकि मद्रास हाईकोर्ट द्वारा जून 2023 में डिसाइड हुआ था,
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इस तरह से मै अपने वरिष्ठ गुरूजनों को बताना चाहता हूँ कि हिमांशु राणा जी की Intervention Application से हमारा कोई सरोकार नहीं है वो अल्पसंख्यक विद्यालयों में नियुक्ति में TET लगवाएं हमें कोई दिक्कत नहीं है,हमारा मामला सिर्फ पदोन्नति से संबंधित है,29-07-2011 के बाद तो खुद ही सब TET देकर नियुक्ति पा रहे हैं,हम तो मात्र उनके लिए लड़ रहे हैं, जोकि 29-07-2011 के बगैर TET नियुक्त हो गए हैं और बगैर TET ही पदोन्नति चाहते हैं,बिना श्रेय के मै वरिष्ठ गुरूजनों के मान सम्मान की लड़ाई लड़ रहा हूँ,बाकी पदोन्नति मिलने से जो लाभ प्राप्त होता है, आप सब प्राप्त कर चुके हैं, और 2033 के पहले ही उच्च प्राथमिक के हेडमास्टर का भी लाभ प्राप्त कर लेंगे, मै कोई श्रेय लेने या पैसा कमाने की लड़ाई नहीं लड़ रहा हूँ,
यह लड़ाई मै शिक्षकों के मान सम्मान के लिए लड़ रहा हूँ, मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद NCTE द्वारा 11 सितंबर 2023 के पत्र के बाद जो समस्या उत्पन्न हुई वह चुनौती आसान नहीं थी, तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, विपक्षियों को नोटिस जारी हुआ, उत्तर प्रदेश में चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया को NCTE के 11 सितंबर 2023 के पत्र के कारण राहुल पाण्डेय की याचिका पर पदोन्नति प्रक्रिया जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में रुक गई, वरिष्ठ गुरूजनों को पदोन्नति मोर्चा बनाकर TET उत्तीर्ण करने वाले लोग ही लूट रहे थे, हिमांशु राणा ने लखनऊ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच मे याचिका किया कि 1981 की नियमावली की धारा 18 जोकि पदोन्नति से संबंधित है, उसमें TET का न होना NCTE के नोटीफिकेशन का उल्लंघन है,एकल पीठ ने राहुल पाण्डेय की याचिका पर पदोन्नति मे जो रोक लगाई थी, उसे डिवीजन बेंच ने Modify कर दिया कि जो NCTE के 11 सितंबर 2023 का पत्र है उसके अनुपालन में TET उत्तीर्ण की पदोन्नति कर सकते हैं, जबकि डिवीजन बेंच में याचिका न की गई होती, तो एकल बेंच द्वारा राहुल पाण्डेय की याचिका अगर अंतिम रूप से निस्तारित हुई होती तो शायद इलाहाबाद में मुझे समस्याएं होतीं,ऐसी स्थिति मे मेरे इलाहाबाद में एकल पीठ में सफल होने के बावजूद मामला दो न्यायमूर्तियों की बेंच मे जाता, मैंने ऊपर पहले ही लिखा है कि राहुल पाण्डेय और हिमांशु राणा आपस में क्रेडिटबाजी कर रहे, और वही क्रेडिटबाजी सुप्रीम कोर्ट में भी दिखाई पड़ रही है, राहुल पाण्डेय ने R Varun में Application किया, जिसमें कि वे इलाहाबाद की डिवीजन बेंच में पेंडिंग अपील में आए NCTE के काउंटर को फोकस कर रहे हैं तो हिमांशु राणा अल्पसंख्यक वाले मामले में ही कूद पड़े,पदोन्नति मामले में क्रेडिट बाजी करने वालों पर मै बस इतना कहूँगा कि सर्कस में लोगों ने जोकर देखा होगा उसमें भी लंबे और बौने जोकर दिखाई पड़ते हैं, पूरे सर्कस का मुख्य केन्द्र विंदु खुद को समझते हैं, मै दावा करता हूँ कि ऐसे लोगों के जिले में पदोन्नति के रिक्त पद निकाल लिए जाएं, डाटा भी निकाल लिया जाए, तो ये लोग पदोन्नति के दायरे में नहीं आयेंगे,
मैंने आप सबसे वादा किया था कि पदोन्नति का मामला शीघ्र निस्तारित करवाएंगे, आप सब देख रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे AOR एवं कुछ वकील जिन्होंने प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से हमारा साथ दिया, डिवीजन बेंच में हमने जवाब नहीं लगाया तो कुछ वरिष्ठ गुरुजन ही मुझसे नाराज हो गए थे,अब मै कैसे समझाता कि राहुल पाण्डेय की अपील में NCTE का काउंटर ठीक मेरे विरुद्ध है तो उसका क्या जवाब देता?,जो भी ऊर्जा खपानी है सीधा सुप्रीम कोर्ट में खपाया जाए, वहाँ जो होगा, पूरे देश पर लागू होगा,इलाहाबाद में नईम अहमद ने भी एक रिट दाखिल किया है, जिसमें नियमावली के रूल 18 में TET का मुद्दा उठाया है, हिमांशु राणा और नईम अहमद को कौन समझाये कि जब सुप्रीम कोर्ट से यह तय हो जाएगा कि NCTE के नोटीफिकेशन 23 अगस्त 2010 का पैरा 4 पदोन्नति में TET से बगैर TET नियुक्त लोगों को राहत देता है कि नहीं देता है?जो कुछ होगा वह सभी राज्यों की नियमावली पर बाध्यकारी होगा, RTE ऐक्ट के बाद NCTE को न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है, वह एकेडमिक अथॉरिटी है, हम तो बस दो विंदु पर लड़ रहे हैं कि पैरा 4 में पदोन्नति को भी कवर कर दिया जाए, अन्यथा जो बगैर TET नियुक्त हुए हैं, यदि TET में भाग न लेने दिए गए/यदि भाग लेने के बावजूद असफल रहे तो उसी पद पर बने रहे तो वह पद Dying position में पहुंच जाएंगे, मै अपने निष्कर्ष में यही कहना चाहता हूँ कि पदोन्नति मामले में जो लड़ाई मै लड़ा या लड़ रहा हूँ इसमें मुझपर किसी का एहसान नहीं है, मै मात्र वरिष्ठ गुरूजनों के सहयोग एवं आशीर्वाद से लड़ रहा हूँ, राहुल पाण्डेय और हिमांशु राणा पर मै कटु टिप्पणी करना चाहता हूँ कि राहुल पाण्डेय कहीं न कहीं यह चाहते हैं कि पदोन्नति मामला शीघ्र निपट जाए इसीलिए उन्होंने हमारे आदेश को चुनौती दिया, दूसरी तरफ हिमांशु राणा चाहते थे कि यह मामला लंबे समय तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहे परन्तु मेरे पास समय कम है जब मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रहीं थी तो स्थिति का जायजा लेते हुए मैंने NCTE के नोटीफिकेशन 12 नवम्बर 2014 की Clause 4(B) को मार्च 2023 में डिवीजन बेंच इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे दिया था, सम्पूर्ण बातें लिख रहा हूँ तो आप सबके बीच में अपने स्वार्थ को भी स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मै जिसके लिए लड़ रहा हूँ या लड़ने की शुरुआत मार्च 2023 में किया,वह 31 मार्च 2027 को सेवा निवृत्त हो जायेंगी,बात वेतन की हो तो वर्ष 2019 से ही उच्च प्राथमिक विद्यालय का हेडमास्टर का वेतन पा रहीं हैं, मैंने सारी बातें स्पष्ट कर दिया है, सुप्रीम कोर्ट मे यह लड़ाई पूरी निष्ठा के साथ लड़ रहा हूँ,
एकल पीठ में मै मुक़दमा जीता, राहुल पाण्डेय को मैं डिवीजन बेंच से आगे नहीं जाने दिया, हिमांशु राणा फड़फड़ा कर रह गए कि कोई सुप्रीम कोर्ट में कोई उनको अंतरिम आदेश को चुनौती दे दे, जिससे वे सुप्रीम कोर्ट में अपना भौकाल टाईट करें, अंततः एक वर्ष के अकेले संघर्ष, एवं एक वर्ष वरिष्ठ गुरूजनों के सहयोग से संघर्ष करके मामले को अंतिम सीढ़ी तक ले जाने मेें सफलता मिली है, वरिष्ठ गुरूजनों के भाग्य में यदि होगा तो उन्हें पद का सम्मान मिलेगा, राजाराम सरकार सारी स्क्रिप्ट पहले से ही लिखे रहते हैं, हम सब तो मात्र कठपुतली हैं, बाकी ये सर्कस के जोकर भी सीधी लड़ाई नहीं लड़ पाए तो तमिलनाडु के TET समर्थकों का श्रेय लूटने का कुटिल प्रयास कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश में NCTE का काउंटर पदोन्नति मामले में विवेक कुमार मिश्र की याचिका पर आया था जिसका लाभ मैंने(शिव कुमार पाण्डेय केसमें) लिया था डिवीजन बेंच में राहुल पाण्डेय की स्पेशल अपील पर आया वह ठीक मेरे विरुद्ध है इसलिए अंतिम लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ने का निर्णय लिया
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