निकाय चुनाव अधिसूचना पर रोक जारी, आज भी सुनवाई सरकार का जवाब
राज्य सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए ही ओबीसी आरक्षण निर्धारित किया है। 7 अप्रैल 2017 को आदेश जारी कर ओबीसी आरक्षण के लिए मैकेनिज्म बनाया था और इस बार होने वाले चुनावों के लिए भी वही मैकेनिज्म अपनाया जा रहा है।
लखनऊ, विधि संवाददाता। निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मुद्दे पर, मंगलवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया। कहा कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए जो प्रकिया अपनाई गई है, वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित किए गए ट्रिपल टेस्ट फार्मूले की सारी अहर्ताएं पूरी करती है। हालांकि न्यायालय ने फिलहाल इससे असहमति जताई है।
न्यायालय ने सरकार के जवाबी हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए, मामले की सुनवाई बुधवार को नियत की है। साथ ही निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी करने पर लगाई गई रोक को बुधवार तक के लिए बढ़ा दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।
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राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता अमिताभ राय ने जवाबी हलफनामा पेश किया। सरकार की ओर से कहा गया कि ओबीसी आरक्षण के लिए जो मैकेनिज्म अपनाया गया है, वह ट्रिपल टेस्ट की अहर्ताएं पूरी करता है। वहीं, कोर्ट ने असहमति जताते हुए डेडीकेटेड समिति बनाने की बात कही।
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